असली मालिक

असली मालिक

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राजा अकबर बहुत ही लोकप्रिय और प्रसिद्ध राजा थे। उनकी वजह से ही सभी राजा एक साथ शांति से रहते थे। एक दिन एक अलग जगह के राजा, राजा फैजल ने चतुर बीरबल से मिलने और उनकी बुद्धिमत्ता को व्यक्तिगत रूप से देखने का फैसला किया। राजा ने एक किसान का भेष बनाया और बीरबल से मिलने के लिए दिल्ली के लिए निकल पड़े। रास्ते में उन्हें एक बूढ़ा लंगड़ा आदमी मदद मांगता हुआ दिखाई दिया। बूढ़ा आदमी दिल्ली जाना चाहता था लेकिन कोई उसकी गुहार नहीं सुन रहा था। राजा फैजल को उस पर तरस आया और उन्होंने उस आदमी की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने उस आदमी को घोड़े पर चढ़ने में मदद की और वे फिर से दिल्ली की अपनी यात्रा शुरू कर दी। जब वे दिल्ली पहुँचे, तो राजा फैजल ने बूढ़े आदमी से घोड़े से उतरने को कहा। इसके बजाय बूढ़ा आदमी चिल्लाने लगा और घोड़े का मालिक होने का नाटक करने लगा। उसने राजा फैजल पर यह भी आरोप लगाया कि वह एक चोर है जो घोड़े को चुराने की कोशिश कर रहा है। राजा फैजल इतने हैरान हुए कि उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि क्या कहें, इसलिए उन्होंने निष्पक्ष फैसले के लिए अकबर के दरबार में जाने का फैसला किया। अकबर ने बीरबल से मामले को देखने और समाधान खोजने के लिए कहा। बीरबल ने हमेशा की तरह जल्दी से एक योजना बनाई। वह उन दोनों को घोड़ों के शेड में ले गया जहाँ कई घोड़े थे और उनसे पूछा कि उनका कौन सा घोड़ा है। बूढ़ा आदमी ऐसा करने में विफल रहा, लेकिन राजा फैजल ने तुरंत अपने घोड़े का पता लगा लिया। इस तरह बीरबल एक बार फिर मामले को सुलझाने में कामयाब रहे और राजा फैजल उनकी चतुराई से बहुत प्रभावित हुए।