गधे का गुम हो जाना

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एक बार नसरूदीन का गधा गुम हो गया। नसरूदीन एक तरफ जहां गली गली अपने गधे को ढूंढ रहा था, वहीं भगवान का शुक्रिया अदा भी कर रहा था। ठस बात पर मुल्ला के दोस्त ने मुल्ला से पूछा, ’’ तुम्हारा तो गधा गुम हुआ है, फिर तुम भगवान का शुक्रिया किस बात का कर रहे हो।’’ मूल्ला, ’’ मैं इस बात का शुक्रिया अदा कर रहा हूं कि, गधे पर मैं नहीं बैठा था, वरना मैं भी गुम हो जाता।’’