नसरूदीन का कब्र के पास बैठकर रोना

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एक बार मुल्ला नसरूदीन कब्र के पास बैठकर जोर जोर से रो रहा था। दूसरे आदमी ने मुल्ला को ढांढस बंधाते हुए कहा, ’’ क्या यह तुम्हारे बेटे की कब्र है जो तुम इतनी जोर जोर से रो रहे हो। मुल्ला ने कह, ’’ नहीं यह मेरी पत्नी के शोहर की कब्र है, मुझे इस बात को दुख है कि वो इतनी जल्दी क्यों चला गया। अब उसकी पत्नी ने मेरी जि़ंदगी शमशान की तरह बना दी है।’’