
मूर्ख लोगों की सूचि

अकबर कभी-कभी अजीबोगरीब चीजों की मांग करते थे। एक दिन उन्होंने बीरबल को एक अजीबोगरीब आदेश दिया कि वह एक महीने के भीतर अपने राज्य में छह सबसे बड़े मूर्खों को ढूंढ़कर लाए। बीरबल ने अकबर के आदेश को सम्मानपूर्वक स्वीकार किया और निर्देशानुसार आदेश का पालन करने के लिए वहाँ से चले गए। जब वह अपने घोड़े पर सवार होकर लोगों की तलाश कर रहा था, तो सबसे पहले उसकी मुलाकात रामू नाम के एक व्यक्ति से हुई, जो गधे पर बैठा था और अपने सिर पर घास ढो रहा था, उसे लगा कि इससे बेचारे जानवर का बोझ कम हो जाएगा। फिर उसकी मुलाकात चंगू और मंगू नामक दो लोगों से हुई, जो इस बात पर झगड़ रहे थे कि चंगू ने कहा था कि वह मंगू की काल्पनिक गाय पर अपना काल्पनिक बाघ छोड़ देगा, जिसे वे भगवान से उपहार के रूप में प्राप्त करने जा रहे हैं।
शाम को बीरबल की मुलाक़ात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो अपनी खोई हुई अंगूठी को रोशनी वाली जगह पर ढूँढ़ने की कोशिश कर रहा था, जबकि असल में अंगूठी दूर एक पेड़ के पास गिरी हुई थी; लेकिन चूँकि वहाँ काफ़ी अंधेरा था, इसलिए उस व्यक्ति ने अंगूठी को रोशनी वाली जगह पर ढूँढ़ने का सोचा। अगले दिन बीरबल उन चारों को लेकर अकबर के पास गया। जब अकबर ने पूछा कि बाकी दो मूर्ख कौन हैं, तो बीरबल ने खुद की और बादशाह अकबर की ओर इशारा किया कि उन्होंने ऐसा करने का फ़ैसला किया है।