मैं और मेरी पत्नी कभी नहीं लड़ते

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मुल्ला नसरूदीन ने एक बार अपने दोस्त से कहा, ’’ मैं और मेरी पत्नी कभी नहीं लड़ते’’ मुल्ला नसरूदीन के दोस्त ने कहा, ’’ ऐसा कैसे हो सकता है एक पती और पत्नी के बीच कभी भी झगड़ा न हो। मुल्ला ने कहा, ’’ शादी की पहली रात को ही हमने एक दूसरे से वादा किया था कि जीवन के जितने बड़े फैसले होगे वो मैं लूंगा और जितने छोटे फैसले होंगे वह मेरी पत्नी लेगी, इसलिए हमारी कभी लड़ाई नहीं होती।’’ मुल्ला के दोस्त ने कहा, ’’ तुम मुझे उदाहण देकर समझाओ।’’ मुल्ला ने कहा, देखो, ’’ कौन सा घर खरीदना है, कार कब बेचनी है, बच्चों का कौन से स्कूल में दाखिला करवाना है, कौन से कपड़े मुझे पहनने चाहिएं, कौन सा बिजनेस मुझे करना चाहिए, इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान मेरी बीवी रखती है। जबकि क्या भगवान वाकई है भी या नहीं, किस देश में कब युद्ध होगा आदि बड़ी बड़ी बातों का ध्यान मैं रखता हूं।’’